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Wednesday, 12 September 2012

असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी पर सियासत गरमा गई है


असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी पर सियासत गरमा गई है



देशद्रोह के आरोप में कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी पर सियासत गरमा गई है। इस मामले को लेकर भाजपा, माकपा समेत अन्य पार्टियों और संगठनों ने कांग्रेस और सरकार पर निशाना साधा है। इन पार्टियों ने कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी के हक का इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सरकार निशाना बना रही है।

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मार्कंडेय काट्जू ने तो असीम की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार नेताओं और पुलिसवालों को ही गिरफ्तार करने की मांग कर दी है। वहीं, इंडिया अंगेस्ट करप्शन (आईएसी) के सदस्यों अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण ने सरकार पर देशद्रोह की धाराओं का गलत इस्तेमाल करने का आरोप जड़ दिया है। इस बीच, आईएसी के सदस्य असीम को सोमवार को दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

25 वर्षीय असीम त्रिवेदी ने साफ किया है कि देशद्रोह का आरोप वापस नहीं लिए जाने तक वह जमानत नहीं मांगेंगे। देशद्रोह के आरोप में अधिकतम उम्रकैद की सजा तक का प्रावधान है। त्रिवेदी को आईपीसी की धारा 124 (देशद्रोह), सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66 ए समेत अन्य धाराओं के तहत शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें रविवार को 16 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया था, लेकिन सोमवार को त्रिवेदी को कोर्ट में पेश करते हुए पुलिस ने कहा कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है और हमें हिरासत की जरूरत नहीं है।

इसके बाद अदालत ने असीम को 24 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कानपुर के रहने वाले त्रिवेदी ने अपने बयान में कहा है कि मैंने जो किया उस पर मुझे गर्व है, इसलिए मैं जमानत नहीं लूंगा। जब तक मेरे खिलाफ देशद्रोह का आरोप वापस नहीं लिया जाता है तब तक मैं जेल में ही रहूंगा। जेल में त्रिवेदी की ओर से लिखे गए इस बयान के पर्चे आईएसी के सदस्यों ने कोर्ट परिसर के बाहर बांटे। कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में त्रिवेदी के समर्थक जुटे थे।

केजरीवाल ने माना कि असीम के कार्टून गलत हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि कार्टूनिस्ट पर देशद्रोह का मामला नहीं बनता है। वहीं प्रशांत भूषण ने कहा कि देशद्रोह के आरोपों का सरकार लगातार गलत इस्तेमाल कर रही है। हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ ही यह आरोप लगाया जाना चाहिए। असीम ने किसी तरह की हिंसा नहीं फैलाई।

मालूम हो कि त्रिवेदी पर आरोप है कि पिछले साल मुंबई में समाजसेवी अन्ना हजारे की रैली के दौरान उन्होंने संविधान का मजाक उड़ाने वाले बैनर लगाए। इसके अलावा उन पर अपनी वेबसाइट पर आपत्तिजनक सामग्री डालने का भी आरोप है। त्रिवेदी के खिलाफ रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अमित कटारानइया ने शिकायत दर्ज कराई थी।

जायसवाल ने दिया भरोसा
कानपुर में त्रिवेदी के समर्थकों और परिजनों ने केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के घर के सामने प्रदर्शन किया। जायसवाल ने परिजनों को मामले में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। असीम के पिता अशोक ने उनका बेटा निर्दोष है। उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि असीम के दादा रेवा शंकर त्रिवेदी स्वतंत्रता सेनानी थे और आजादी की लड़ाई लड़ते हुए कई बार जेल भी गए और आज उनके पोते को देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किया जा रहा है। सौजन्य से- भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत
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